संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आइआइपीएस), मुंबई को पूर्व में वर्ष 1970 तक जनांकिकीय प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र (डीटीसी) के रुप में जाना जाता था और इसकी स्थापना जुलाई 1956 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, भारत सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र की संयुक्त प्रायोजकता के अंतर्गत हुई थी । यह एस्केप क्षेत्र के लिए जनसंख्या अध्ययन में प्रशिक्षण तथा शोध के लिए क्षेत्रीय केन्द्र के रुप में कार्य करता है। इसकी शैक्षणिक गतिविधियों के विस्तार को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 1985 में इसका “अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान” के रुप में पुनर्नामकरण किया गया । इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 14 अगस्त, 1985 को यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के अंतर्गत ‘विश्वविद्यालय समतुल्य’ घोषित किया गया । इस मान्यता ने संस्थान को स्वयं मान्यताप्राप्त उपाधि प्रदान करने में मदद की और साथ ही इसने शैक्षणिक संस्था के रुप में संस्थान के भावी विस्तार के लिए मार्ग प्रशस्त किया। वर्ष 2006 में संस्थान ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई ।

आइआइपीएस सभी क्षेत्रीय जनसंख्या केन्द्रों के बीच एक अद्वितीय स्थान रखता है । यह प्रारंभ किया गया ऐसा पहला केन्द्र है जो किसी भी अन्य क्षेत्रीय केन्द्रों की तुलना में बहुत बड़ी आबादी की सेवा करता है। संस्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में है। संस्थान में सात शैक्षणिक विभाग हैं । संकाय सदस्य तथा सहायक कर्मचारी जनसंख्या विज्ञान के कुछ मुख्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ विविध अंतःविषय पृष्ठभूमि से संबंधित हैं और भारत या विदेश से प्रशिक्षित हैं ।

संस्थान भारत में जनसंख्या तथा स्वास्थ्य से संबंधित अध्यापन तथा शोध का केन्द्र है जो देश की योजना और विकास के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । पिछले वर्षो के दौरान, एशिया और प्रशांत क्षेत्र, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के विभिन्न देशों के छात्रों ने संस्थान में प्रशिक्षण लिया है । संस्थान के पूर्व छात्र राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों तथा प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठनों में प्रतिष्ठित पदों पर सेवारत हैं । अध्यापन तथा शोध गितिविधियों के अलावा, संस्थान सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों को परामर्शी सेवाएं भी प्रदान करता है ।

पिछले छह दशकों के दैरान, संस्थान ने जनसंख्या अध्ययन के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कई संगोष्ठियां तथा सम्मेलन आयोजित किए हैं जो विश्वव्यापी महत्त्व के हैं । संस्थान ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एऩएफएचएस) जिला स्तरीय परिवार सर्वेक्षण (डीएलएचएस), राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) का मूल्यांकन, भारत में युवा परियोजना, विश्व स्तरीय युवा तम्बाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस भारत परियोजना), यौन स्वास्थ्य में शोध तथा ‘इंटरवेंशन’:कार्रवाई का सिद्धांत (रिश्ता परियोजना), पोषण सर्वेक्षण और भारत में अनुदैर्घ्य वयोवृद्धि अध्ययन (लासी) जैसे कई प्रमुख सर्वेक्षण संचालित किए हैं ।

प्रत्यायन

Back to Top