संदर्शन, संकल्प एवं लक्ष्य

संदर्शन

आइआइपीएस को जनसंख्या के क्षेत्र में एक प्रमुख शिक्षण एवं शोध संस्थान के रुप में प्रतिष्ठित करना जो समावेशन, बोधशीलता एवं अधिकार संरक्षण जनित मूल्यों के संबल से भावी राष्ट्रीय एवं वैश्विक अपेक्षाओं के अनुकूल हो ।

संकल्प

संस्थान उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अध्यापन और शोध के माध्यम से स्वयं को समग्र जनसंख्या तथा सम्बद्ध मामले में एक उत्कृष्ट केन्द्र के रुप में स्थापित करने का प्रयास करेगा । इसे

  • सक्षम व्यावसायिकों को सृजन से,
  • वैज्ञानिक जानकारी तथा प्रमाण के सृजन और उसके प्रसार से,
  • सहयोग तथा ज्ञान के आदान-प्रदान से और
  • प्रचार-प्रसार तथा जागरुकता के माध्यम से हासिल किया जाएगा ।

लक्ष्य

सक्षम व्यावसायिकों का सृजन

  • वर्ष 2015 तक विभिन्न स्तरों पर स्नातकों की संख्या को वर्तमान संख्या से दोगुना तक बढ़ाना और इसे 2020 तक तिगुना करना ।
  • यह सुनिश्चित करना कि पाठ्यक्रम सामग्री, अध्यापन और संकाय संख्या को अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर बनाए रखा गया है ।
  • उपरोक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहु-विषयक ज्ञान संसाधनों और कौशल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए संकाय संख्या और गुणवत्ता में सुधार करना ।

बैज्ञानिक जानकारी तथा प्रमाण का सृजन और प्रसार

  • एक ऐसा उपयुक्त वातावरण प्रदान करना जिससे प्रत्येक संकाय सदस्य अभिजात समीक्षा वाले जर्नलों में वर्ष में कम से कम दो शोध लेख-प्रकाशित कर सकें । (अधिमानतः एक शोध लेख अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो) ।
  • यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक विभाग प्रतिवर्ष राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व वाली कम से कम एक नई शोध परियोजना पूर्ण करे ।
  • वर्तमान में महत्वपूर्ण नीतियों या मुद्दों पर दो वर्ष में एक बार अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना ।
  • प्रत्येक विभाग को दो वर्ष में एक बार तकनीकी और प्रणाली विज्ञान संबंधी उन्नतियों पर कार्यशाला आयोजित करने में सक्षम बनाना ।
  • प्रत्येक संकाय सदस्य को उपर्युक्त आवश्यकताओं की प्राप्ति हेतु बढ़ावा देने के लिए संस्थान की कार्यकारी परिषद् की सहायता से प्रोत्साहन और हतोत्साहन योजना को विकसित और कार्यान्वित करना ।

सहयोग तथा ज्ञान का आदान-प्रदान

  • शोध और अल्पकालिक प्रशिक्षण के लिए भारतीय (सरकारी/निजी क्षेत्र) संस्थानों/संगठनों के साथ कम से कम दो सहयोग कार्यक्रमों का अन्वेषण करना और उन्हें आरंभ करना ।
  • प्रत्येक संकाय सदस्य को देश के भीतर/बाहर प्रत्येक पाँच वर्ष में कम से कम एक बार विनिमय/दौरा कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति प्रदान करना और प्रत्येक सेमेस्टर के लिए आइआइपीएस में कम से कम एक राष्ट्रीय और एक अन्तर्राष्ट्रीय अतिथि संकाय की उपस्थिति सुनिश्चित करना ।
  • आवश्यकता के आधार पर एक सहायक संकाय को नियुक्त करना ।
  • सहयोगी संस्थानों में दो वर्षीय मास्टर डिग्री के छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण/प्रशिक्षुता (इंटर्नशिप) की सुविधा प्रदान करना ।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की निधियों पर संस्थान की वित्तीय निर्भरता को वर्ष 2015 तक 80% और वर्ष 2020 तक 50% तक कम करने के उपाय करना ।

प्रचार-प्रसार तथा जागरुकता

  • राजनीतिक प्रतिनिधियों और समाज के अन्य वर्गों के बीच निरंतर मात्रात्मक आधार पर अच्छी तरह से समान्वित प्रचार-प्रसार प्रयासों के माध्यम से जनांकिकी और जनसंख्या विज्ञान के सकारात्मक मूल्य को विकासात्मक उपकरण के रुप में बढ़ाना ।
  • प्रचार-प्रसार तथा जागरुकता अभियानों के माध्यम से तीन वर्ष के भीतर राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय सरकार की स्थापना में सम्बद्ध पदों के लिए आवश्यक शिक्षा योग्यता के रुप में जनांकिकी और जनसंख्या विज्ञान के लिए मान्यता प्राप्त करने का प्रयास करना ।
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