Core Network

कोर नेटवर्क

कोर नेटवर्क - परिभाषा

कोर नेटवर्क ऐसी सभी ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क है जो सभी बसावटों को मूलभूत पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं। मूलभूत पहुंच को प्रत्येक बसावट के लिए एकल बारह-मासी सड़क संयोजकता के रूप में परिभाषित किया गया है। जैसा कि पहले ही इंगित किया जा चुका है पीएमजीएसवाई के तहत ऐसा प्रयास है कि प्रत्येक पात्र आवास के लिए एकल बारह-मासी सड़क संयोजकता प्रदान की जाए। इसके लिए इसे या तो बारह-मासी सड़क सुविधा वाली अन्य बसावट अथवा किसी बारह-मासी सड़क से इस तरह जोड़ा जाएगा कि बसावट को अन्य सुविधाओं के साथ-साथ बाजार केंद्र के लिए संयोजकता उपलब्ध हो सके।

कोर नेटवर्क डीआरआरपी में उल्लिखित कुल नेटवर्क में से तैयार किया जाता है और इसमें मौजूदा सड़कों के साथ-साथ वे सड़कें भी शामिल होती हैं जिन्हें अलग-थलग बसावटों के लिए अभी बनाया जाना हो। हालांकि, इसमें डीआरआरपी की सभी मौजूदा सड़कें शामिल नहीं होंगी चूंकि इसका उद्देश्य मूलभूत पहुंच अर्थात् प्रत्येक बसावट के लिए बारह-मासी सड़क संयोजकता स्थापित करना है।

कोर नेटवर्क क्यों?

कोर नेटवर्क के निम्नलिखित लाभ हैं।

  • यह सभी बसावटों के लिए संयोजकता सुनिश्चित करने के लिए नए निर्माण और उन्नयन आवश्यकताओं को अनुकूलित करने में मदद करेगा।
  • यह मुख्य रूप से ऐसा आवश्यक नेटवर्क चिह्नित करने के लिए है जिसे सदैव सही स्थिति में रखा जाना आवश्यक हो।
  • यह प्रत्येक जिला के तहत रखरखाव गतिविधि के संबंध में आवंटित संसाधनों के उपयोग को बेहतर बनाएगा।

कोर नेटवर्क स्थापित करने के कदम

कोर नेटवर्क की स्थापना में निम्नलिखित चार मुख्य कदम शामिल हैं

  • जिला ग्रामीण सड़क योजना प्रक्रिया के अनुसार खंड मानचित्र तैयार करना
  • बाजार केंद्रों की पहचान
  • पात्र बसावटों को एकल पहुंच प्रदान करने के लिए सड़क नेटवर्क की पहचान
  • कोर नेटवर्क सड़कों को संख्या निर्दिष्ट करना और डेटा सारणीबद्ध करना

खंड मानचित्र तैयार करना

जिला ग्रामीण सड़क योजना की तैयारी के लिए स्थलाकृतिक मानचित्रों का उपयोग करते हुए 1:50,000 पैमाने पर खंड मानचित्रों की तैयारी को प्रचालनात्मक नियमावली में पैराग्राफ 3.1.7 में पहले ही वर्णित किया जा चुका है। यह सुनिश्चित किया जाए कि खंड मानचित्र निम्नलिखित पहलू दर्शाए जाएं:

  • 100 की आबादी तक वाली सभी बसावटें
  • निर्माणाधीन सड़कों सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला सड़कें, और ग्रामीण सड़कें, और साथ ही साथ छकड़ा गाड़ी मार्ग और रास्ते (विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में)
  • प्रमुख नदियां/ जल प्रवाह
  • खंड और तहसील मुख्यालय जैसे प्रशासनिक कार्यालयों के स्थान
  • ग्राम पंचायत मुख्यालय, पटवारी कार्यालय आदि
  • स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं (पशु चिकित्सा सुविधाओं सहित)
  • शैक्षिक सेवा सुविधाएं
  • बाजार केंद्र और ग्रामीण व्यवसाय केंद्र
  • राज्य सरकार द्वारा पर्यटक अभिरुचि स्थल के तौर पर अधिसूचित स्थान
  • खदान स्थल
  • बाजार केंद्र, उपमंडल मुख्यालय जैसे प्रशासनिक केंद्र और ऐसी मुख्य सड़कें जो खंड सीमा से बाहर हों परंतु खंड में स्थित बसावटों को जोड़ती हों, को भी ब्लॉक सीमा के बाहर चिह्नित किया जाना चाहिए।

बाजार केंद्रों और ग्रामीण व्यावसायिक केंद्रों की पहचान

बाजार केंद्रों की पहचान (मौजूदा और संभावित)

कोर नेटवर्क तैयार करने से पहले, खंड के सभी बाजार केंद्रों की पहचान की जानी चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन पैटर्न के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश यात्राएं बाज़ार केंद्रों के लिए की जाती हैं। ये बाजार आम तौर पर या तो बड़ी सड़कों पर या विभिन्न बसावटों को जोड़ने वाली सड़कों के मेल पर स्थित होते हैं। चूंकि अंदरूनी ग्रामीण इलाकों से यहां पहुंचना आसान होता है और ये मुख्य सड़क नेटवर्क से जुड़े होते हैं, इसलिए ग्रामीण व्यावसायिक केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं और आम तौर पर कृषि उपज की विपणन सुविधाएं, बैंकिंग और दूरसंचार सुविधाएं, कृषि आदानों (inputs) के साथ-साथ उपभोक्ता वस्तुओं (टिकाऊ और उपभोग्य वस्तुएं) की बड़ी दुकानें यहां स्थित होती हैं। कृषि उपकरण मरम्मत दुकानों जैसी सुविधाएं भी मौजूद हो सकती हैं। परिणामस्वरूप ऐसी संभावना रहती है कि ये स्थल सार्वजनिक परिवहन, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के केंद्र के तौर पर विकसित हो सकते हैं। प्रकाशित जनगणना रिकॉर्ड्स तथा विपणन बोर्ड/ स्थानीय स्रोतों से उपलब्ध सूचनाओं से उपलब्ध आंकड़ों का उपयोग करके बाजार केंद्रों को चिह्नित किया जाना चाहिए। कोर नेटवर्क में शामिल करने के उद्देश्यों के लिए, बाजार केंद्रों को ऐसी सीमा तक चिह्नित करने की जरूरत है कि स्थानीय ग्रामीण बाजार केंद्र में जाकर, उसी दिन वापस लौटने में सक्षम हों। इस तरह संबंधित गांव और बाज़ार केंद्र के बीच की अधिकतम दूरी सामान्यतः 15-20 कि.मी. से अधिक नहीं होगी। कुछ क्षेत्रों में, बाज़ार केंद्र पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। ऐसे मामलों में ऐसे बड़े गांवों को चिह्नित किया जाना चाहिए जहां सड़क संपर्क आदि के चलते उपयुक्त बाजार केंद्रों के विकास की संभावना हो। सभी विपणन केंद्रों को खंड मानचित्र पर चिह्नित किया जाना चाहिए।

कोर नेटवर्क की पहचान

खंड मानचित्र में तीन तरह की बसावटें होती हैं – (i) वे जो बारह-मासी सड़कों से जुड़ी हों, (ii) वे जो सड़क से बिल्कुल जुड़ी ही नहीं हों, (iii) वे जो साफ मौसम योग्य सड़कों से जुड़ी हों। सड़क से जुड़ी बसावटों के मामले में, यह संभव है कि वे एकाधिक सड़कों से जुडी हों। ऐसे मामले में, सामाजिक- आर्थिक अवसंरचना पैरामीटर मापदंड का उपयोग करके सड़क का चयन किया जाना चाहिए। यदि किसी भी कारण से कोई वैकल्पिक सड़क स्थानीय लोगों को अधिक पसंद हो तो उस सड़क को चुना जा सकता है परंतु किसी भी स्थिति में, कोर नेटवर्क के लिए केवल एक ही सड़क का चयन किया जाना चाहिए चूंकि इरादा मूलभूत पहुंच प्रदान करना है। बिना संयोजकता वाली बसावटों के मामले में उपयुक्त सड़क जुड़ाव की पहचान की जानी चाहिए जो सामान्यतः मौजूदा ट्रैक के संरेखण का पालन करेगा। अलग-थलग बसावट को सामान्यतः एकाधिक तरीकों से जोड़ा जा सकता है। बाजार केंद्र अकसर तालुका मुख्यालय से विपरीत दिशा में स्थित होता है। यदि कहीं आम सहमति नहीं बन पाती है तो विभिन्न सामाजिक-आर्थिक सेवाओं के लिए दी गई महत्ता के आधार पर विभिन्न वैकल्पिक संपर्क मार्गों से किसी एक को चुनना पड़ सकता है। चूंकि पीएमजीएसवाई केवल एकल संयोजकता की परिकल्पना करता है, इसलिए उपयोगिता के मामले में सबसे प्रभावी सड़क संपर्क मार्ग को चुना जाना आवश्यक है।

इस प्रकार पूरे खंड के लिए कोर नेटवर्क योजना तैयार की जाएगी। यह फिर से जांचा जाना चाहिए कि सभी बसावटें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बारहमासी सड़कों के माध्यम से समीप के बाजार केंद्रों से जुड़ी हों, या इन्हें जोड़ा जाना हो। यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक बसावट हब एण्ड स्पोक विन्यास के रूप में बाजार केंद्र से सीधे जुड़ी हो।

प्रचालन नियमावली के अध्याय-1 में दी गई बारह-मासी सड़क की परिभाषा के अनुसार, ऐसी बसावट के लिए सड़क प्रदान करना आवश्यक नहीं है जो कि पहले से संयोजकता प्राप्त बसावट या किसी बारह-मासी सड़क के 500 मीटर के दायरे में हो। ऐसी सभी बसावटों को संबंधित सड़क पर पड़ने वाली बसावटों के रूप में माना जाना चाहिए।

विधायकों और सांसदों, पंचायतों, और स्थानीय आबादी सहित निर्वाचित प्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों/ प्रस्तावों की उचित रूप से जांच की जानी चाहिए चूंकि वे छूटे पुलों, छूटे संपर्क मार्गों और स्थानीय समुदाय की अन्य प्राथमिकता मांगों के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। मौजूदा सड़क नेटवर्क, प्रमुख बाजार केंद्रों के स्थान, स्थलाकृतिक विशेषताओं और स्थानीय यात्रा पैटर्न को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कोर नेटवर्क का निर्णय लेते समय, इस तथ्य का सर्वाधिक ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसका उपयोग मुख्य रूप से स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा।

कोर नेटवर्क सड़कों को संख्या निर्दिष्ट करना और डेटा सारणीबद्ध करना

कोर नेटवर्क चिह्नित होने के बाद, प्रोफार्मा सीएन 1 से सीएन 6. में इन सभी सड़कों का विवरण सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। यह प्रोफार्मा अनुलग्नक-1 में दिया गया है। PDF file that opens in new window. To know how to open PDF file refer Help section located at bottom of the site. (125 केबी).

प्रोफार्मा के डेटा को ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी और लेखा प्रणाली (ओएमएमएएस) के डीआरआरपी मॉड्यूल में अपलोड या दर्ज किया जाना चाहिए। संख्या निर्दिष्ट करने के उद्देश्य के लिए, यह बेहतर होगा कि खंड के उत्तर-पूर्व कोने से शुरूआत की जाए और घड़ी की सुइयों की दिशा में काम करते हुए उत्तरोत्तर रूप से बढ़ती संख्याएं निर्दिष्ट की जाएं।

विविध

ऐसा हो सकता है कि कुछ क्षेत्रों में अभी तक मुख्य जिला सड़कों (एमडीआर) और राज्य राजमार्ग (एसएच) जैसी उच्चतर सड़कों का नेटवर्क भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया हो। कई महत्वपूर्ण पुल छूटे हुए हो सकते हैं। जब तक इन प्रमुख सड़कों और पुलों का निर्माण नहीं किया जाता, तब तक ग्रामीण सड़कों में निवेश अपेक्षित परिणाम नहीं दिखाएगा। हालांकि इन्हें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शामिल नहीं किया जाना है, फिर भी ऐसी सड़कों और पुलों की जरूरत को चिह्नित किया जा सकती है। ऐसी जानकारी पीडब्ल्यूडी को प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे अपनी योजनाओं में इसे शामिल कर सकें।

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