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श्री भारत चन्द्र प्रधान
परामर्शदाता निदेशक (तकनीकी)
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श्री भारत चंद्र प्रधान ने वर्ष 1980 में युनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजिनीयरिंग (यू.सी.ई.), बुर्ला, ओडिशा (वर्तमान में वी.एस.एस.यू.टी.) से सिविल अभियांत्रिकी में स्नातक डिग्री प्राप्त की । स्नातक शिक्षा के पश्चात वर्ष 1981 में उन्होंने लोक निर्माण विभाग, ओडिशा सरकार के अंतर्गत सहायक अभियंता के रूप में कार्यग्रहण किया ।

सहायक अभियंता के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने वर्ष 1997 तक कई ओहदों पर सेवा प्रदान की । वर्ष 1994 में उन्होंने यू.सी.ई., बुर्ला से परिवहन अभियांत्रिकी में प्रौद्योगिकी परास्नातक की शिक्षा संपन्न की । वर्ष 1997 में वे सहायक कार्यपालक अभियंता के पद पर प्रोन्नत होकर 1999 के अंत तक कार्य करते रहे जब कार्यपालक अभियंता के पद पर उनकी पदोन्नति हुई । वर्ष 2003 में वे अधीक्षण अभियंता के रूप में पदोन्नत हुए तथा इस पद पर 2005 तक कार्य करते रहे । सितम्बर 2005 में वे मुख्य अभियंता के पद पर प्रोन्नत हुए तथा मुख्य अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग, ओडिशा सरकार के पद पर 2013 तक 8 वर्षों की लंबी अवधि हेतु कार्यरत रहे जिसके बाद मुख्य अभियंता (सड़क), लोक निर्माण विभाग तथा मुख्य अभियंता, पी.एम.जी.एस.वाई. (ग्रामीण निर्माण कार्य विभाग) के रूप में उन्होंने कार्य किया तथा अक्तूबर 2017 के मध्य में वे प्रमुख अभियंता (ग्रामीण निर्माण कार्य विभाग) के पद पर पदोन्नत हुए तथा 31 जनवरी 2018 को सेवानिवृत्त हुए ।

मुख्य अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग के अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, जो बड़ी दयनीय स्थिति में थे, का परिदृश्य बदल दिया । मुख्य अभियंता (डी.पी.आई. तथा सड़क) की कार्यावधि में अपने निजी प्रयासों से कई महत्वपूर्ण योजनाओं को उन्होंने गति प्रदान की । इनमें में कुछ योजनायें हैं-राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम (एस.एच.डी.पी.), ई.पी.सी. मोड द्वारा सभी राज्य राजमार्गों के दो-लेन मार्गों में उन्नयन की एक प्रमुख राज्य योजना, का कार्यान्वयन, मलकानगिरि ज़िले में लम्बे समय से लम्बित गुरुप्रिया सेतु का निर्माण, सम्बलपुर के निकट महानदी पर प्रमुख पुल, हीराकुंड जलाशय के पृष्ठ जल में ईब नदी पर सेतु ( सभी कार्य ई.पी.सी. प्रणाली के अंतर्गत चुनौतीपूर्ण स्थलीय परिस्थितियों में किये गये हैं )

राज्य की सबसे पहली बी.ओ.टी. परियोजना- रु. 1400 करोड़ की लागत वाली 180 कि.मी. लम्बी “ सम्बलपुर-राऊरकेला 4-लेनिंग परियोजना को द्रुत गति पर लाने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही, जिसे तत्पश्चात समय पर पूरा कर लिया गया । मुख्य अभियंता, पी.एम.जी.एस.वाई. के कार्यकाल के दौरान उनका प्रदर्शन असाधारण रहा । उनकी प्रभावशाली निगरानी के कारण प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यान्वयन में ओडिशा एक उत्कृष्ट प्रदर्शनकर्ता राज्य के रूप में उभरा तथा उसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17, 2017-18 तथा आगे के वर्षों में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया । श्री प्रधान की राजमार्ग/ग्रामीण सड़क तथा सेतु निर्माण क्षेत्र में व्यापक अनुभव एवं संलग्नता रही है ।

अगस्त 2018 से श्री प्रधान राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी में परामर्शदाता निदेशक (तकनीकी) के तौर पर कार्यरत हैं । अपने वर्तमान कार्यकाल में वे तकनीकी विषयों के सभी मामलों के लिये उत्तरदाई हैं जिनमें पी.एम.जी.एस.वाई. के अंतर्गत संस्वीकृतियों हेतु योजना तथा राज्यों के प्रस्तावों की संवीक्षा, तकनीकी विनिर्देश तथा दिशानिर्देश विकसित करना इत्यदि शामिल हैं । इसके अतिरिक्त वे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित पी.एम.जी.एस.वाई. निर्माण कार्यों का कार्यान्वयन एवं निगरानी भी देखते हैं ।

श्री प्रधान 1980 से भारतीय रोड कॉन्ग्रेस के एक सक्रिय आजीवन सदस्य हैं, वे लगातार तीन सत्रों के लिये परिषद के निर्वाचित सदस्य एवं कई बार नामित सदस्य रहे हैं । वर्ष 2016-17 हेतु वे आई.आर.सी. के उपाध्यक्ष भी रहे हैं । श्री प्रधान खाली समय में अधिकांश घरेलू कार्य स्वयं करना पसंद करते हैं तथा अक्सर सामाजिक फिल्में देखते हैं । इसके अतिरिक्त वे अपनी धर्मपत्नी के साथ विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने में अत्यंत रुचि रखते हैं ।

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